सिंधिया ने की MP PSC घोटाले की जांच की मांग 2018 demo result ghotala fraud jyotiraditya scindhia
22:43:34
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भोपाल, 01 अक्टूबर, (हि.स.)। मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग की राज्य सेवा परीक्षा 2017 में कथित तौर पर जैन समुदाय के छात्रों को लाभ पहुंचाने का मामला अब गरमाने लगा है। पीडित छात्रों को अब इस मुददे पर कांग्रेस महासचिव व पूर्व केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का साथ मिला है। सिंधिया ने रविवार को सोशल मीडिया पर टवीट कर इस मामले की जांच की मांग की है।
कांग्रेस नेता ने टिवटर पर लिखा कि मेरी मांग है कि इस शिकायत की गंभीरतापूर्वक ईमानदारी से जांच की जाए जिससे सत्य सामने आ सके। उन्होंने आगे लिखा कि एक समाज विशेष के परीक्षार्थियों को लाभ पहुंचाने की शिकायत सामने आई है। इस सरकार के नुमाइंदो ने मिलकर दोबारा एक भ्रश्ट खेल को अंजाम दिया है। व्यापम के बाद अब मध्यप्रदेश लोकसेवा आयोग की परीक्षा भी संदेह के घेरे में आ गई है।
सिंधिया के टवीट के बाद अब सरकार पर मामले की जांच कराने का दवाब बढ गया है।
बडे आंदोलन की तैयारी
इस घोटाले को छात्रों ने सोशल मीडिया पर जैन घोटाले की संज्ञा दी है। छात्र सोशल मीडिया पर सरकार व आयोग के खिलाफ जमकर अपनी भडास निकाल रहे हैं। आने वाले दिनों में छात्र इसे लेकर बडे आंदोलन की रुपरेखा बना रहे हैं। इसके लिए सभी जिलों के छात्रों से संपर्क साधा जा रहा है।
इंदौर में आयोग के मुख्यालय के सामने मंगलवार को धरना प्रदर्शन की योजना बनाई गई है। इतने बडे घोटाले के बाद अभी तक आयोग या सरकार की ओर से किसी तरह का कोई बयान नहीं आना आश्चर्य पैदा कर रहा है।
आयोग ने वेबसाइट से हटाई जानकारी
घोटाले के सामने आने के बाद लोक सेवा आयोग ने परीक्षार्थयों से संबंधित सभी जानकारी अपनी वेबसाइट से हटा ली है। ताकि कोई मेंस परीक्षा में सफल संदिग्ध छात्रों की जानकारी न प्राप्त कर ले। जबकि इससे पहले सभी जानकारियां लंबे समय तक वेबसाइट पर उपलबध रहती थी। आयोग का यह कदम भी संदेह पैदा कर रहा है।
ऐसे हुआ संदेह
आयोग का यह घोटाला गुरुवार को उस समय सामने आया था जब आयोग ने मुख्य परीक्षा 2017 का रिजल्ट जारी किया था। उसमें अंतिम पेज पर रौल नम्बर 330142 से 330696 तक 17 जैन छात्र सफल हुए हैं। यहीं से छात्रों को संदेह हुआ। पडताल करने पर पता चला कि इनमें से अधिकांश छात्र सागर, दमोह, भिण्ड, शिवपुरी जैसे जिलों के थे और उन्होंने अपनी प्री परीक्षा का सेंटर आगर मालवा दिया था। सागर, दमोह से आगर मालवा की दूरी करीब 350 किमी है। जबकि आयोग सेंटर चुनने की स्वतंत्रता देता है। छात्रों को समझ नहीं आया कि सभी छात्रों ने अपना होम डिस्ट्रिक छोडकर 350 किमी दूर आगर मालवा परीक्षा सेंटर क्यों चुना। बाद में पता चला कि सभी छात्र एक ही कोचिंग सेंटर के हैं। पडताल से यह भी पता चला कि मप्र लोक सेवा आयोग के परीक्षा नियंत्रक दिनेश जैन भी उसी समुदाय के हैं और तो और जिस आगर मालवा के परीक्षा केन्द्र में छात्रों ने परीक्षा दी थी, वह किसी जैन व्यकित का ही है और उस केन्द्र की कॉर्डिनेटर आयोग ने जिसको बनाया था, वह भी जैन महिला थी। उसका नाम शशिप्रभा जैन था।
भोपाल, 01 अक्टूबर, (हि.स.)। मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग की राज्य सेवा परीक्षा 2017 में कथित तौर पर जैन समुदाय के छात्रों को लाभ पहुंचाने का मामला अब गरमाने लगा है। पीडित छात्रों को अब इस मुददे पर कांग्रेस महासचिव व पूर्व केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का साथ मिला है। सिंधिया ने रविवार को सोशल मीडिया पर टवीट कर इस मामले की जांच की मांग की है।
कांग्रेस नेता ने टिवटर पर लिखा कि मेरी मांग है कि इस शिकायत की गंभीरतापूर्वक ईमानदारी से जांच की जाए जिससे सत्य सामने आ सके। उन्होंने आगे लिखा कि एक समाज विशेष के परीक्षार्थियों को लाभ पहुंचाने की शिकायत सामने आई है। इस सरकार के नुमाइंदो ने मिलकर दोबारा एक भ्रश्ट खेल को अंजाम दिया है। व्यापम के बाद अब मध्यप्रदेश लोकसेवा आयोग की परीक्षा भी संदेह के घेरे में आ गई है।
सिंधिया के टवीट के बाद अब सरकार पर मामले की जांच कराने का दवाब बढ गया है।
बडे आंदोलन की तैयारी
इस घोटाले को छात्रों ने सोशल मीडिया पर जैन घोटाले की संज्ञा दी है। छात्र सोशल मीडिया पर सरकार व आयोग के खिलाफ जमकर अपनी भडास निकाल रहे हैं। आने वाले दिनों में छात्र इसे लेकर बडे आंदोलन की रुपरेखा बना रहे हैं। इसके लिए सभी जिलों के छात्रों से संपर्क साधा जा रहा है।
इंदौर में आयोग के मुख्यालय के सामने मंगलवार को धरना प्रदर्शन की योजना बनाई गई है। इतने बडे घोटाले के बाद अभी तक आयोग या सरकार की ओर से किसी तरह का कोई बयान नहीं आना आश्चर्य पैदा कर रहा है।
आयोग ने वेबसाइट से हटाई जानकारी
घोटाले के सामने आने के बाद लोक सेवा आयोग ने परीक्षार्थयों से संबंधित सभी जानकारी अपनी वेबसाइट से हटा ली है। ताकि कोई मेंस परीक्षा में सफल संदिग्ध छात्रों की जानकारी न प्राप्त कर ले। जबकि इससे पहले सभी जानकारियां लंबे समय तक वेबसाइट पर उपलबध रहती थी। आयोग का यह कदम भी संदेह पैदा कर रहा है।
ऐसे हुआ संदेह
आयोग का यह घोटाला गुरुवार को उस समय सामने आया था जब आयोग ने मुख्य परीक्षा 2017 का रिजल्ट जारी किया था। उसमें अंतिम पेज पर रौल नम्बर 330142 से 330696 तक 17 जैन छात्र सफल हुए हैं। यहीं से छात्रों को संदेह हुआ। पडताल करने पर पता चला कि इनमें से अधिकांश छात्र सागर, दमोह, भिण्ड, शिवपुरी जैसे जिलों के थे और उन्होंने अपनी प्री परीक्षा का सेंटर आगर मालवा दिया था। सागर, दमोह से आगर मालवा की दूरी करीब 350 किमी है। जबकि आयोग सेंटर चुनने की स्वतंत्रता देता है। छात्रों को समझ नहीं आया कि सभी छात्रों ने अपना होम डिस्ट्रिक छोडकर 350 किमी दूर आगर मालवा परीक्षा सेंटर क्यों चुना। बाद में पता चला कि सभी छात्र एक ही कोचिंग सेंटर के हैं। पडताल से यह भी पता चला कि मप्र लोक सेवा आयोग के परीक्षा नियंत्रक दिनेश जैन भी उसी समुदाय के हैं और तो और जिस आगर मालवा के परीक्षा केन्द्र में छात्रों ने परीक्षा दी थी, वह किसी जैन व्यकित का ही है और उस केन्द्र की कॉर्डिनेटर आयोग ने जिसको बनाया था, वह भी जैन महिला थी। उसका नाम शशिप्रभा जैन था।
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