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मायावती का जीवन परिचय शादी पति बेटी mayawati biography contact number family photo caste

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पूरा नाम - मायावती नैना कुमारी
पिता - प्रभु दयाल
मायावती की माता - रामरती एक अनपढ़ महिला थी
जाती - Kushwaha caste
जन्मदिन - 15 January 1956
उम्र - 61 साल
पार्टी‎ - ‎ बहुजन समाज पार्टी (BSP)
देश के इतिहास में कम ही महिलाओं ने ऐसा मक़ाम हासिल किया जैसा की बहन मायावती ने हासिल किया और भारतीय समाज में एक यह धारणा व्याप्त है कि किसी महिला की पहचान उसके पति से ही होती है, मायावती ने इस कथन को आधारहीन साबित कर दिया राज्य Uttar Pradesh की चार बार मुख्यमंत्री रह चुकीं मायावती व्यक्तित्व में आत्म-विश्वास और दृढ़ता है.

भारत की सबसे युवा महिला मुख्यमंत्री के साथ-साथ सबसे प्रथम दलित मुख्यमंत्री भी होने का श्रेय प्राप्त है वे चार बार उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री रह चुकी हैं और उन्होंने सत्ता के साथ-साथ आनेवाली कठिनाइओं का सामना भी किया है। उन्होंने अपने कैरियर की शुरुआत एक स्कूल शिक्षिका के रूप में की थी लेकिन कांशी राम की विचारधारा और कर्मठता से प्रभावित होकर उन्होंने राजनीति में प्रवेश किया। उनका राजनैतिक इतिहास काफी सफल रहा और 2003 में उत्तर प्रदेश के विधान सभा चुनाव हारने के बावजूद उन्होने सन 2007 में फिर से सत्ता में वापसी की। अपने समर्थको में बहन जी के नाम से मशहूर मायावती 13 मई 2007 को चौथी बार उत्तर प्रदेश का मुख्यमन्त्री बनीं और पूरे पाँच वर्ष शासन के पश्चात सन 2012 का चुनाव अपनी प्रमुख प्रतिद्विन्द्वी समाजवादी पार्टी से हार गयीं।

प्रारंभिक जीवन -दिल्ली शहर में वह अपने दम पर भैंसों के बलबूते एक दूध की डेयरी चलाती थीं, जो परिवार को आर्थिक मदद देती थी मायावती के 6 भाई दो बहनें हैं मायावती की माता रामरती एक अनपढ़ महिला थीं लेकिन उन्होंने अपने सभी बच्चों की शिक्षा में रुचि ली और सबको योग्य बनाया।

कलेक्टर बनाना चाहती थी Qualification of mayawati - मायावती कालिंदी कॉलेज, दिल्ली, से कला में स्नातक की उपाधि ली और फिर दिल्ली विश्वविद्यालय से एल.एल.बी और बी. एड भी किया आईएएस की तैयारी करना चाहती थीं, लेकिन राजनीति में उनकी दिलचस्पी ने उन्हें यूपी का बड़ा चेहरा बना दिया और इसके लिए उन्होंने अपना बहुत सारा वक़्त भारतीय प्रशासनिक सेवा की तैय्यारी में लगा दिया। इसी दौरान उन्होंने शिक्षिका के रूप में कार्य करना शुरु किया। मायावती के जीवन में कांशी राम के बढ़ते प्रभाव से उनके पिता बिलकुल भी खुश नहीं थे। उन्होंने मायावती को कांशी राम के पद चिह्न पर न चलने की सलाह दी फिर भी मायावती ने अपने पिता भी बात अनसुनी कर बड़े पैमाने पर कांशी राम द्वारा शुरू किये गए कार्यों और परियोजनाओं से जुड़ गयीं।

राजनैतिक जीवन - सन 1984 तक मायावती ने बतौर शिक्षिका काम किया। वे कांशी राम के कार्य और साहस से काफी प्रभावित थी। 1984 में जब कांशी राम ने एक नए राजनैतिक दल ‘बहुजन समाज पार्टी’ का गठन किया तो मायावती शिक्षिका की नौकरी छोड़ कर पार्टी की पूर्णकालिक कार्यकर्त्ता बन गयीं। उसी साल उन्होंने मुज्ज़फरनगर जिले की कैराना लोक सभा सीट से अपना पहला चुनाव अभियान आरंभ किया।

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  1. सन 1985 और 1987 में भी उन्होने लोक सभा चुनाव में कड़ी मेहनत की आख़िरकार सन 1989 में उनके दल ‘बहुजन समाज पार्टी’ ने 13 सीटो पर चुनाव जीता। 
  2. धीरे-धीरे पार्टी की पैठ दलितों और पिछड़े वर्ग में बढती गयी और सन 1995 में वे उत्तर प्रदेश की गठबंधन सरकार में मुख्यमंत्री बनायी गयीं
  3. नैनी सेंट्रल जेल में बंद हो चुकी हैं 
  4. सन 2001 में पार्टी के संस्थापक कांशी राम ने मायावती को दल के अध्यक्ष के रूप में अपना उत्तराधिकारी घोषित किया। 
  5. 2002-2003 के दौरान भारतीय जनता पार्टी की गठबंधन सरकार में मायावती फिर से मुख्यमंत्री चुनी गई। इस के पश्चात बीजेपी ने सरकार से अपना समर्थन वापिस ले लिया और मायावती सरकार गिर गयी। 
  6. सन 2007 के विधान सभा चुनाव के बाद मायावती फिर से सत्ता में लौट आई और भारत के सबसे बड़े राज्य की कमान संभाली। 
  7. मायावती के शासनकाल के दौरान उत्तर प्रदेश के बाहर बसपा का विस्तार नहीं हो पाया क्योंकी उनके निरंकुश शासन के चलते ज्यादातर पिछड़े वर्ग के लोगों ने उनसे मुंह मोड़ लिया। 
  8. मायावती ने अपने कार्यकाल के दौरान दलित और बौद्ध धर्म के सम्मान में कई स्मारक स्थापित किये
  9. मायावती सबसे ज्यादा विवादों में रही नोटों की माला पहनने का मामला हो या फिर विदेश से अपने सैंडल मांगने का
  10. 2016 मोदी के 500 - 1000 के नोट बंदी विरोद्ध के मामले में काफी पॉपुलर रही 
राजनीति में विवादों और घोटालों के आरोपों में - मायावती अपने शाशनकाल में कई विवादों और घोटालों के आरोपों में जरूर रही हों पर उनका राजनितिक अभ्युदय सचमुच अध्भुत रहा है। एक सामान्य परिवार से आई दलित महिला ने ऐसा मक़ाम हासिल किया जैसा इस देश के इतिहास में कम ही महिलाओं ने किया है। विवादों की परवाह किए बिना, मायावती के समर्थको ने हर बार उनका साथ दिया औउर अपनी वफादारी साबित की ह मायावती ने दलितों के दिल में अपनी खुद की जगह बनाई है और दलितों में अपने प्रति विश्वास कायम किया है।

Mobile contact number Telephone mayawati  - {0522} 2239582, 2239583, 2235072, Fax- 2239479

जीवन घटनाक्रम - 1956: दिल्ली में जन्म 1977: शिक्षिका के रूप में करियर की शुरुआत 1984: शिक्षिका की नौकरी छोड़ कर बसपा में प्रवेश और अपने पहले लोक सभा चुनाव अभियान का प्रारंभ 1989: लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी ने 13 सीटों पर जीत हासिल की 1995: उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री के रूप में चुनी गई 1997: दोबारा मुख्यमंत्री के रूप में चुनी गई 2001: कांशी राम की उत्तराधिकारी घोषित की गई 2002: एक बार फ़िर उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री बनी 2007: चौथी बार उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री नियुक्त हुयीं