आयुर्वेद के छात्रो मे एकतर्फा खुशी का माहौल आया नया नियम BAMS, BHMS, BUMS News
08:41:13
How to become ayurvedic doctor *BAMS, BHMS, BUMS डॉक्टरों को प्रैक्टिस से पहले देना होगा सरकारी एग्जिट टेस्ट : 2019 से लागू होने की संभावना*
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*आयुष डॉक्टरों के समुचित रोजगार की व्यवस्था किये बगैर आयुष मंत्रालय भारत सरकार अब BAMS,BHMS &BUMS डॉक्टरों को डिग्री के पश्चात प्रैक्टिस के लिये एग्जिट टेस्ट से गुजरना होगा । इसे पास करने के बाद ही आयुष डॉक्टर प्रैक्टिस कर सकेगा। संभावना व्यक्त की जा रही है कि यह 2019 से लागू होगा ।
आयुष मेडिकल एसोसिएशन के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ राकेश पाण्डेय ने कहा कि आयुष के लिये पर्याप्त बजट, आयुष डॉक्टरों के लिये पर्याप्त रोजगार, आयुष मेडिकल कॉलेजों मे शिक्षण व्यवस्था मे सुधार व शोध संसाधनों की व्यवस्था किये बगैर इस प्रकार की व्यवस्था लागू करना बेमानी है।
अगर MBBS डॉक्टरों की बराबरी करना है तो उन सभी व्यवस्थाओं की भी बराबरी की जावे जो MBBS Doctors व मेडिकल कॉलेजों को है। यह केवल इसलिये तो नहीं कि, आयुष डॉक्टर्स अपने हक के लिये नवीन भर्तियों /रोजगार व्यवस्था की मांग / आवाज भी न उठा सकें। केंद्र सरकार यह अवश्य ध्यान दें कि, निजी आयुष डॉक्टरों को एनपीए नहीं प्राप्त होता है। सूत्र बताते हैं कि सर्वप्रथम आयुर्वेद डॉक्टरों पर यह व्यवस्था लागू होगी।
अगर आयुष पैथी को विश्वसनीय तरीके से राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित करने की बात है तो इस कदम की सराहना होनी चाहिये और अगर केवल कागजी बातें हैं तो आयुष डॉक्टरों को मानसिक रूप से परेशान करने के अतिरिक्त कुछ नहीं ।*
@@ *डॉ राकेश पाण्डेय*
*राष्ट्रीय प्रवक्ता -- आयुष मेडिकल एसोसिएशन, इंडिया*🙏
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*आयुष डॉक्टरों के समुचित रोजगार की व्यवस्था किये बगैर आयुष मंत्रालय भारत सरकार अब BAMS,BHMS &BUMS डॉक्टरों को डिग्री के पश्चात प्रैक्टिस के लिये एग्जिट टेस्ट से गुजरना होगा । इसे पास करने के बाद ही आयुष डॉक्टर प्रैक्टिस कर सकेगा। संभावना व्यक्त की जा रही है कि यह 2019 से लागू होगा ।
आयुष मेडिकल एसोसिएशन के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ राकेश पाण्डेय ने कहा कि आयुष के लिये पर्याप्त बजट, आयुष डॉक्टरों के लिये पर्याप्त रोजगार, आयुष मेडिकल कॉलेजों मे शिक्षण व्यवस्था मे सुधार व शोध संसाधनों की व्यवस्था किये बगैर इस प्रकार की व्यवस्था लागू करना बेमानी है।
अगर MBBS डॉक्टरों की बराबरी करना है तो उन सभी व्यवस्थाओं की भी बराबरी की जावे जो MBBS Doctors व मेडिकल कॉलेजों को है। यह केवल इसलिये तो नहीं कि, आयुष डॉक्टर्स अपने हक के लिये नवीन भर्तियों /रोजगार व्यवस्था की मांग / आवाज भी न उठा सकें। केंद्र सरकार यह अवश्य ध्यान दें कि, निजी आयुष डॉक्टरों को एनपीए नहीं प्राप्त होता है। सूत्र बताते हैं कि सर्वप्रथम आयुर्वेद डॉक्टरों पर यह व्यवस्था लागू होगी।
अगर आयुष पैथी को विश्वसनीय तरीके से राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित करने की बात है तो इस कदम की सराहना होनी चाहिये और अगर केवल कागजी बातें हैं तो आयुष डॉक्टरों को मानसिक रूप से परेशान करने के अतिरिक्त कुछ नहीं ।*
@@ *डॉ राकेश पाण्डेय*
*राष्ट्रीय प्रवक्ता -- आयुष मेडिकल एसोसिएशन, इंडिया*🙏
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