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अब कुत्ते भी करेंगे आतंकियों से मुकाबला कैमरे की मदद से (With the help of the camera, dogs will now fight against terrorists)

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               अब कुत्ते भी करेंगे आतंकियों से मुकाबला कैमरे की मदद से

 आतंकवादी हमले में या  वो लोगों को  बंधक बनाने का मामला हो, या  खोज (searching ) करना हो, उनके ठिकानों तक  पहुंचना हो या फिर और कोई काम हो, अब तक कैमरे का इस्तेमाल special Commando  करते थे. इनकी वर्दी या हेलमेट में कैमरा लगा होता था और आतंकवादियों से मुकाबला करते वक्त उसकी तस्वीरें उनके कमांड सेंटर को मिलती रहती थी. लेकिन अब उन कैमरों का इस्तेमाल स्पेशल कमांडो के साथ मिशन पर जाने वाले कुत्तों पर भी होगा. कैमरे के जरिए sniper dog या फिर अटैक डाग आतंकवादियों का सफाया करेंगे.
 
. इन कैमरों को खासतौर पर sniper dog या फिर अटैक डॉग जो कि बेल्जियन मेलामाइन प्रजाति के होते हैं, उनके सिर पर फिट होने के लिए डिजाइन किया गया है. सिर्फ कुत्तों के सिर पर ही इन कैमरे को लगाया जा सकता है. कैमरे के साथ हेडफोन होंगे जो इन कुत्तों के कान में लगे होंगे. कुत्तों के सिर पर लगा ऑडियो और वीडियो सिस्टम एक कंट्रोल यूनिट से संचालित होगा.

आतंकी वारदात के बाद जब कमांडो कार्रवाई की जरूरत होती है वहां रणनीति के मुताबिक ऐसे कुत्तों को कमांडो के घुसने से पहले भेजा जाएगा. जैसे ही ये वारदात की जगह पर घुसेंगे उस जगह का वीडियो आउटपुट कंट्रोल रूम में मिल जाएगा.
      इससे सुरक्षाबलों को रियल टाइम वीडियो और आडियो आउटपुट मिलेगा. जरूरत के मुताबिक कुत्तों को किधर जाना है कंट्रोल रूम के जरिए उनको कमांड भी दी  जा सकती है. मौका ए वारदात पर कुत्तों को ये भी कमांड दी जा सकेगी कि उन्हे कुछ खोजना है या फिर सीधे आतंकवादियों पर हमला करना है.

फिलहाल ऐसे एक कुत्ते को  N.S.G यानि नेशनल सिक्योरिटी गार्ड को दिया गया है. ये पूरा सिस्टम फ्रांस की एक कंपनी ने विकसित किया है. इस योजना से जुड़े N.S.G  के अधिकारी कर्नल P.K CHUG का कहना है जो डॉग देख रहा है इस सिस्टम के जरिए हम भी देख सकते हैं. फिलहाल हम देखेंगे कि कैसे तकनीक और फोर्स की ये व्यवस्था काम कर रही है और आनेवाले दिनों में हर फोर्स में ऐसे ट्रेंड और  विशेष कुत्तों की तैनाती करेंगे.