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विक्रम विश्वविद्यालय के गोपनीय विभाग में रविवार सुबह आग लग गई उत्तर पुस्तिका और पीएचडी थीसिस खाक

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Vikram university ujjain news. विक्रम विश्वविद्यालय के गोपनीय विभाग में रविवार सुबह आग लग गई। विभाग की खिड़की और रोशनदारों से धुंआ निकल रहा था। इसे देख कर्मचारियों ने फायर बिग्रेड और विवि अधिकारियों को सूचना दी। मौके पर पहुंची फायर बिग्रेड ने आग पर काबू पाने के लिए दो घंटे तक मशक्कत की।
आग में गोपनीय विभाग का पीएचडी सेक्शन पूरी तरह से खाक हो गया है। इसी के साथ आग बुझाने के लिए पानी डालने काफी संख्या में कॉपी को नुकसान पहुंचा है। आग लगने के कारणों का बता नहीं चल सका है, लेकिन विश्वविद्यालय की रीढ माने जाने वाले गोपनीय विभाग में आग की घटना ने पूरी प्रशासनिक प्रक्रिया की पोल खोल दी है। लंबे समय से सवालों में गोपनीय विश्वविद्यालय के गोपनीय विभाग में परीक्षा के बाद उत्तर पुस्तिका जांचने और जांच होने के बाद स्टोर की जाती है।
परीक्षा के बाद का विद्यार्थियों का पूरा रिकोर्ड गोपनीय विभाग में रहता है। हालांकि धांधली और अनियमिताओं के चलते विवि का गोपनीय विभाग लंबे समय से विवादों में है। विवि अधिनियमों के तहत गोपनीय की जांच भी हो चुकी है। इसी के साथ लगातार कॉपी गुम होने का सिलसिला भी जारी है। कर्मचारी व प्रोफेसर मौके पर गोपनीय में आग की खबर जैसे ही कैम्पस में पहुंची। तो कैम्पस में रहने वाले प्रोफेसर व शिक्षक मौके पर पहुंच गए। गोपनीय विभाग होने के कारण हर कोई राहत कार्य में सहयोग दे रहा था।

आग की सूचना मिलते ही कुलसचिव डॉ. परीक्षित सिंह व कुलपति मौके पर पहुंच गए। एनएसयूआई ने कहा - षड़यंत्र गोपनीय में आग की घटना को एनएसयूआई ने बड़ा षड़यंत्र करार दिया है। एनएसयूआई की प्रदेश इकाई की तरफ से कहा गया है कि विवि की परीक्षा और गोपनीय शाखा लगातार विवादों में है। आग विवाद को निपटाने का सबसे अच्छा तरीका है। एनएसयूआई के जिला उपाध्यक्ष आयुष शुक्ल ने आग की घटना पर उच्चाधिकारियों की मिलीभगत बताया है।