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घुटने में दर्द है, चलना तक दूभर है? इस समस्या से राहत पाने के लिए किससे सलाह लेनी चाहिए? घुटने का कैसा दर्द समस्या का रूप माना जा सकता है?
 किस तरह के व्यायाम करने से राहत मिलेगी? आइए जानते हैं...
नींद का भी दर्द से ताल्लुक बन जाता है। व्यायाम करने से न सिर्फ दर्द में आराम मिलेगा, बल्कि निष्क्रियता के चलते जो नींद न आने की समस्या है, वो भी दूर हो जाएगी।
  • मज़बूती देने वाले व्यायाम घुटनों के जोड़ों के अलावा मांसपेशियों को भी लचीलापन देंगे, जिससे दर्द में कमी आएगी। 
  • इन व्यायामों को करने के बाद अगर दर्द बढ़े तो समझ लीजिए या तो आपने ठीक ढंग से व्यायाम नहीं किया या समयावधि बढ़ा दी। दोनों ही सूरतों में परामर्श ले लें। 
  • दिन में कुल 30 मिनट का व्यायाम काफी होता है। यह समय एक साथ न देना चाहें, तो 15-15 मिनट के दो भागों में करें। लेकिन नियमित रूप से करने की कोशिश ज़रूर करें। सर्द मौसम में या खुले में व्यायाम न करें। 
  • फ़िज़ियोथेरैपिस्ट से परामर्श करके ही व्यायाम करें।
घुटनो में ऑस्टियोऑर्थराइटिस 45 साल की आयु के बाद होता है। अगर आपका दर्द छह महीने या उससे ज़्यादा पुराना है, तो उपचार करा लेना चाहिए, नहीं तो ये गंभीर समस्या बन सकता है। ऑस्टियोऑर्थराइटिस और मांसपेशियों की शिथिलता दोनों एक साथ घुटने की तकलीफ बढ़ा देती हैं। विदेशी पद्धति के उपचार में ऑर्थोपीडिक सर्जन घुटने के मरीजों को सबसे पहले ऑर्थोपीडिक फ़िज़ियोथैरेपिस्ट के पास रेफर करते हैं।

सिर्फ जिस मरीज की घुटने की तकलीफ कई साल पुरानी हो और दर्द की वजह से समस्या बढ़ गई हो, उन्हें ही सर्जरी की सलाह देते हैं। घुटना शरीर का सबसे बड़ा और मजबूत जोड़ है। तीन हड्डियों से मिलकर बना ये जॉइंट मांसपेशियों से घिरा हुआ है, जो घुटने के ऊपर आने वाले दबाव को कम करती हैं। ये अगर ठीक से काम न करें, तो जोड़ों में दर्द की समस्या होती है। इस तरह के मरीजों की संख्या सबसे ज़्यादा है। लेकिन अधिकांश मरीज़ उसे जोड़ों की जकड़न यानी सन्धिवात से ही जोड़कर देखते हैं और मानते हैं कि इसी की वजह से उन्हें दर्द हो रहा है। जबकि ऐसा नहीं है। जोड़ों को दर्द से बचाने के लिए और स्वस्थ रखने के लिए मांसपेशियां भी बेहद महत्वपूर्ण काम करती हैं। इस तथ्य को समझे बिना कई मरीज़ बिना किसी बड़ी बीमारी के महीनों और वर्षों तक घुटने का दर्द सहन करते रहते हैं। हर मरीज को लगता है किसी न किसी एक उपचार से उनका दर्द चला जाएगा और इसी उम्मीद में कई तरह के इलाज कराते रहते हैं। समस्या को समझना ज़रूरी है। हडि्डयां, मांसपेशियां या व्यायाम की कमी, वजह कोई भी हो सकती है।

 व्यायाम Osteoarthritis knee exercises  

मांसपेशियों के फायदे के लिए व्यायाम को चार तरह से बांटा गया है। पहली है फ्लेक्सिबिल्टी एक्सरसाइज़ जिससे मांसपेशियों का लचीलापन बढ़ता है। दूसरी रेज़िस्टेंस एक्सरसाइज़ से उनकी ताकत बढ़ती है। तीसरी है एंड्यूरैंस एक्सरसाइज़, जो एरोबिक्स के नाम से भी जानी जाती हैं। ये दिल और फेफड़ों को मजबूत बनाती हैं। चौथी एक्सरसाइज है बैलेंस एक्सरसाइज़, इससे चलते वक्त गिरने की रिस्क कम होती है यानी शारीरिक संतुलन सुधरता है। वॉकिंग एक एरोबिक एक्सरसाइज़ है जबकि घुटने के दर्द को कम करने के लिए स्ट्रेचिंग और रेज़िस्टेंस दोनों एक्सरसाइज़ की ज़रूरत होती है। एरोबिक्स एक्सरसाइज़ में साइक्लिंग अधिक फायदेमंद है। चहलकदमी से रक्तचाप सुधरेगा। osteoarthritis knee exercises osteoarthritis knee brace  osteoarthritis pictures arthritis in knee exercises to avoid osteoarthritis knee surgery osteoarthritis knee treatment in ayurveda arthritis knee pain treatment at home
 घुटनों के दर्द में रखें ध्यान osteoarthritis knee treatment home remedies knee
घुटने पर पूरे शरीर का वज़न पड़ता है, इसलिए सबसे पहला ध्यान वज़न को कम करने पर दिया जाना चाहिए। किसी भी तरह के जोड़ों के दर्द में व्यायाम करने पर उस जोड़ पर अतिरिक्त दवाब पड़ने का डर रहता है, इसीलिए पानी में व्यायाम करने की सलाह दी जाती है। पानी की वजह से शरीर में आई भारहीनता जोड़ों पर वह दबाव नहीं पड़ने देती, इसलिए एक्वाएरोबिक्स अच्छा विकल्प हैं। हाफ स्क्वैट्स भी अच्छा व्यायाम हैं। दीवार से टिककर खड़े हो जाएं और पैरों के बीच में थोड़ा अंतर रखें। हाथ सामने फैला लें और घुटनों को 90 डिग्री पर मोड़ें। पीठ सीधी रखें। यह स्थिति आधे बैठने जैसी हो जानी चािहए